केजरीवाल -अब देंगे काम पर ध्यान
नई दिल्ली- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज बेंगलुरु के जिंदल नेचरक्योर संस्थान से इलाज कराने के बाद दिल्ली लौट आए हैं। दिल्ली के लिए रवानगी से पहले केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि अब वह पूरी तरह से ठीक हैं और घर लौटेने के लिए काफी उत्साहित हैं। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि मैं दिल्ली जाने के लिए बहुत उत्साहित हूं। ताकि दिल्ली दिल्ली पहुंचकर दिल्लीवासियों के लिए काम कर पाऊं।
केजरीवाल इससे पहले 2 फरवरी 2012 को भी जिंदल नेयरक्योर संस्थान में समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ जा चुके हैं। केजरीवाल को यहां इलाज कराने से काफी फायदा हुआ है। उन्होंने बताया, 'मेरी खांसी गायब हो गई है और शुगर का अंडर कंट्रोल है। अब मैं तरोताजा और तंदुरुस्त महसूस कर रहा हूं। मेरा इलाज करने के लिए जिंदल संस्थान का मैं अभारी हूं।
केजरीवाल पिछले 11 दिनों से नेचुरो थेरेपी के जरिए मधुमेह और खांसी का इलाज करा रहे थे। अब केजरीवाल की तबीयत पहले से काफी बेहतर है। दिल्ली में केजरीवाल की जगह अभी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कार्यभार संभाले हुए हैं। केजरीवाल की खांसी ठीक हो गई है, उनका मधुमेह भी सामान्य हो गया है। वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। हालांकि यहां भी उन्हें बेंगलुरु के जिंदल नेचरक्योर संस्थान के डॉक्टरों की सलाह के अनुसार ही भोजन लेना होगा। साथ ही उन्हें नियमित योगासन व प्राणायाम भी करना होगा। डॉक्टरों ने केजरीवाल को बताया है कि कौन-कौन सा योगासन व प्राणायाम उनके लिए फायदेमंद रहेगा। ताकि मधुमेह को नियंत्रित रखा जा सके। वे इनका नियमित अभ्यास भी कर रहे हैं।
केजरीवाल पांच मार्च को बेंगलुरु गए थे। अस्पताल के अनुसार उस वक्त खाली पेट उनका शुगर लेवल 300 मिलीग्राम/100 मिलीलीटर था। इंसुलिन का इंजेक्शन भी काम नहीं कर रहा था। जांच में पता चला कि उनका मधुमेह अनियत्रित हो चुका है। इसके अलावा उन्हें वर्षो से खांसी भी थी। तब हाइड्रोथेरेपी, मसाज, मिट्टी लेपन व योगा थेरेपी से इलाज शुरू किया गया।
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