मुसलमानों की वजह से शराब और हिंदुओं की वजह से मांस हुआ मंहगा
उत्तर प्रदेश- में शराबबंदी को लेकर एक मुस्लिम संगठन की तरफ से आवाज उठी है। संगठन का कहना है कि राम और कृष्ण के जन्मस्थलों वाले इस आध्यात्मिक प्रदेश में शराब का कारोबार पूरी तरह बंद होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों की वजह से शराब महंगी हो गई है। शराब के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले संगठन ‘इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल’ के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने बताया कि शराब के सेवन को लगभग सभी धर्मो में बुरा कहा गया है और उत्तर प्रदेश तो हिन्दुओं और मुसलमानों दोनों के ही लिए आध्यात्मिक प्रदेश है। इस राज्य में तो शराबखोरी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए।मौलाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश मुल्क के सभी राज्यों का मुखिया है, लिहाजा यहां से निकलने वाले संदेश की गूंज सबसे दूर तक सुनाई देगी। इसे देखते हुए काउंसिल ने प्रदेश में शराबबंदी अभियान शुरू करने का फैसला किया है, ताकि बाकी राज्यों के पास भी संदेश जाए। उन्होंने बताया कि यह अभियान प्रदेश में पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद चलाया जाएगा। अभी यह मुहिम शुरू किए जाने पर इसे राजनीतिक रंग दे दिए जाने का खतरा है।शराबबंदी के मुद्दे को लेकर वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पहले ही मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद अफसोस की बात है कि प्रदेश में शराब की उपलब्धता बहुत आसान है। इतनी कि नाबालिग लड़के भी उसे आसानी से हासिल कर लेते हैं। पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री ने कहा कि अक्सर यह तर्क दिया जाता है कि शराब सेवन पर प्रतिबंध लगाने से राजस्व का नुकसान होगा, लेकिन यह दलील सही नहीं है।
मौलाना ने गुजरात का जिक्र करते हुए कहा कि जब महात्मा गांधी की जन्मस्थली पर शराबखोरी प्रतिबंधित हो सकती है तो भगवान राम और कृष्ण के प्रदेश में क्यों नहीं हो सकती। इस्लाम में तो शराब को हर बुराई की जड़ माना गया है। उन्होंने कहा, ‘मैं तो सार्वजनिक मंच से कह चुका हूं कि मुसलमानों की वजह से शराब महंगी हो गई है और हिन्दुओं की वजह से मांस की कीमतें बढ़ गयी हैं. अगर शराब पर पाबंदी लग जाए तो हत्या, बलात्कार और डकैती जैसे जघन्य अपराधों को रोका जा सकता है। शराब की उपलब्धता मुश्किल बनाकर अपराध का ग्राफ 50 प्रतिशत तक नीचे लाया जा सकता है।’
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