मिश्र-22 सालों से जेलों में बंद भारतीय कैदियों को रिहा करेगा
नई दिल्ली- एक सद्भावनापूर्ण कदम उठाते हुए मिस्र ने दो भारतीय नागरिकों को रिहा करने का फैसला किया है। मिस्र ने जिन दो भारतीयों को रिहा करने का फैसला किया है उनमें एक 16 साल से जबकि दूसरा 22 साल से वहां की जेल मेंं बंद था। दोनों देशों के बीच हुए दोषी व्यक्तियों के स्थानांतरण से जुड़े समझौते के तहत मिस्र ने यह फैसला किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता के दौरान यह सूचना दी। भारत ने दिसंबर 2014 में मिस्र से अनुरोध किया था कि वह दोषी व्यक्तियों से जुड़े समझौते के तहत दोनों भारतीयों को रिहा करे।
स्वरूप ने कहा, ‘‘सद्भावनापूर्ण कदम उठाते हुए सिसी कई सालों से जेल में बंद दो भारतीय नागरिकों की रिहाई पर सहमत हुए। इनमें से एक 16 साल जबकि दूसरा 22 साल से जेल में बंद है। दोषी व्यक्तियों के स्थानांतरण से जुड़े समझौते के तहत उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा ।’’ उन्होंने कहा कि दोनों भारतीयों के खिलाफ कुछ आरोप थे जिसकी वजह से उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा और नई दिल्ली ने कभी न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाए। स्वरूप ने कहा कि समझौते के प्रावधानों के अनुरूप दोनों भारतीयों को वापस भारत भेजा जा रहा है। वार्ता के दौरान मोदी ने भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सिसी का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा कि मिस्र के बगैर यह सम्मेलन ‘‘अधूरा’’ रह जाता। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सहमत हुए। सिसी ने राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा एवं प्रतिरक्षा के क्षेत्रों में भारत से करीबी सहयोग की वकालत की। दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व और आतंकवाद से मुकाबले के प्रयासों की जरूरतों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशो को हर तरह के आंतकवाद को अलग-थलग कर देना चाहिए और इस संदर्भ में उन्होंने कॉम्प्रीहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म को अंतिम रूप देने की जरूरत बताई।
मोदी ने भारत और अफ्रीका के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट हासिल करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। भारतीय निवेशों का हवाला देते हुए मिस्र के राष्ट्रपति ने अपने देश में अतिरिक्त संयुक्त उपक्रमों को आमंत्रित किया।
मोदी ने भारत और अफ्रीका के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट हासिल करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। भारतीय निवेशों का हवाला देते हुए मिस्र के राष्ट्रपति ने अपने देश में अतिरिक्त संयुक्त उपक्रमों को आमंत्रित किया।
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