भारत -विविधताओं भरा देश है। यह देश आधुनिक दौर में मिली-जुली संस्कृति में हिलौरे ले रहा है। इस देश में नववर्ष 2016 का स्वागत एक अलग अंदाज़ में किया गया है। कई आधुनिक शहरों में जहां नववर्ष के स्वागत में डांस पार्टियों का आयोजन हुआ। पब और होटलों में लोग जमकर थिरके तो दूसरी ओर कुछ शहर ऐसे भी थे जहां भारत की सदियों पुरानी संस्कृति का परिचय मिला। नववर्ष का स्वागत पारंपरिक अंदाज़ में श्रद्धालुओं ने ईश्वर को शुभकामनाऐं देकर किया। इस दौरान दीपों की मालिका से वर्ष 2016 को वेलकम कहा गया। दूसरी ओर कुछ लोगों ने अनाथ बच्चों के साथ खुशियां साझा की गईं। इस दौरान वृद्धों को भी लोग नववर्ष की शुभकामनाऐं देना नहीं भूले। इस तरह से नववर्ष के अलग-अलग रंग देखने को मिले। वाराणसी में नववर्ष का स्वागत सर्द सुबह में सूर्योदय के ही साथ नदी तट पर किया गया। श्रद्धालु वाराणसी के अस्सी घाट पर पहुंचे और विशेषतौर पर गंगा आरती हुई। इसी के साथ यज्ञ और हवन किया गया। सूर्य देव ने पूरे वर्ष सुख और समृद्धि की कामना भी की। सुबह के समय गंगा आरती की गई। श्रद्धालुओं ने यज्ञ के ही साथ अग्नि में आहूतियां समर्पित कीं। गंगा आरती और यज्ञ में विदेशी पर्यटक सम्मिलित हुए। नववर्ष को लेकर देशवासियों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाऐं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीटर पर ट्वीट किया इस दौरान सभी को नववर्ष की शुभकामनाऐं दी गईं। वर्ष 2016 में सुख, शांति और समृद्धि की कामना भी की गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोगों को संदेश दिया कि वे इंसान और प्रकृति के मध्य संतुलन बनाए रखें। मध्यप्रदेश की पौराणिक नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में भी नववर्ष का स्वागत ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर के चरणों में शीश नवाकर किया गया। यहां भस्मारती में श्रद्धालुओं का खासा उल्लास बना रहा। श्रद्धालु अन्य मंदिरों में पहुंचे। जहां दर्शन कर उन्होंने नववर्ष का आशीर्वाद लिया। यही नहीं मंदिरों में प्रसादी का वितरण भी हुआ। जगह - जगह यज्ञ और हवन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। वीडियो देखने के लिए ऊपर या नीचे लिंक पर क्लिक करें
देश- में नए साल का धार्मिक स्वागत राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री ने....
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